हमारे प्राचीन मनीषियों ने फाल्गुन पूर्णिमा को विशेष महत्त्व देते हुए उस दिन गेहूं, जौ आदि की बालियां होलिका में भून कर नवान्नेष्टि करने का निर्देश दिया है और एक-दूसरे को मिष्टान सहित बांट कर खाने-खिलाने को लाभप्रद बताया है। पूजा-पाठ व साधना की दृष्टि से भी होली की रात्रि को अति महत्त्वपूर्ण बताया गया है जिसमें संकल्प लेकर किए जाने वाले उपायों का लाभ अवश्य प्राप्त होता है। द्वादश राशि के जातक-जातिकाएं होली के दिन क्या उपाय करें कि उनके घर में खुशहाली आए, कारोबार में वृध्दि हो, धन लाभ हो और आस पास का सम्पूर्ण वातावरण मंगलमय हो।