सोमवती अमावस्या को हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा-दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या का महत्व सूर्य ग्रहण के बराबर होता। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या या भौमवती अमावस्या भी कहते हैं।
सोमवती अमावस्या का महत्व:अमावस्या के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं। ऐसा योग, स्नान, दान व धर्मार्थ कार्यों के विशेष महत्व का माना जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। जहां संभव है वहां लोग सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करते हैं या अपने करीब की किसी नदी या जलाशय में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।
सोमवती अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। लेकिन दान किस समय और राशि के अनुसार कैसे करें। इसके अभाव में किए गया दान व्यर्थ बताया गया है। सोमवती अमावस्या के दिन सुबह प्रातः काल से दोपहर 12 बजे तक किया गया दान श्रेष्ठ माना गया है। वहीं अपनी राशि के अनुसार जातकों को क्या और कैसे करना चाहिए। जानिये यहां ज्योतिर्विद श्यामा गुरुदेव से।
मेष :-
मेष राशि के जातक अमावस्या के दिन घर में हवन करवाएं और शिव के 108 मंत्रों का जाप करें।मेष राशि के लोग केले का दान किसी गरीब को करें। इस राशि के पुरुष अपनी पत्नी या माता को लाल साड़ी उपहार में दें और उनसे छोटे बच्चों को मिठाई का दान करवाएं।
वृष:-
वृष राशि के जातक अमावस्या के दिन किसी कुए में दूध डाल दे इससे उनको विशेष लाभ होगा।निर्धन को अन्न का दान करें। सफेद कपड़े पहनें और किसी सुहागिन को सुहाग का सामान दान करें।
मिथुन :-
मिथुन राशि के जातक अमावस्या की रात पानी वाला एक नारियल लें और उसके पांच बराबर टुकड़े करके शिवजी को अर्पित करें।हरे कपड़े पहनें और गाय को घास खिलाएं। दस साल से छोटी कन्या को मिठाई का दान करें और गणेश मंदिर जाकर पूजा करें।
कर्क :-
अमावस्या की रात को कर्क राशि के जातक किसी मंदिर में जाकर अभिमंत्रित धागा लें और इसे पहन लें।निर्धन को जूते-चप्पल का दान करें। छोटी बालिका को कपड़ों का दान करें। किसी गरीब महिला को अपनी पत्नी या माता से जलेबी का दान करवाएं।
सिंह :-
सिंह राशि के जातक अमावस्या के दिन किसी काले कुत्ते को तेल की चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं।लाल वस्त्र पहनें। घर की स्त्री को भी लाल वस्त्र पहनाने के लिए बोलें और सपरिवार निर्धन को फलों का दान करें। शीघ्र ही कष्टों के निवारण से मुक्ति मिलेगी।
कन्या :-
कन्या राशि वाले अमावस्या की रात को एक नींबू अपने सर से सात बार उतारकर, चार बराबर भागों में काट कर किसी चैराहे पर रख दें। अप्रत्याशित लाभ मिलेगा।स्वयं हरे वस्त्र पहनें। पीपल पर दूध चढ़ाएं, पत्नी सहित पितरों के लिए धूप-दीप करें। छोटे बच्चों को फल का दान करें।
तुला :-
इस राशि के लोग अमावस्या के दिन किसी सरोवर के पास जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।सफेद कपड़े पहनें और अपने घर में बैठाकर ब्राह्मण को भोजन करवाएं। घर की स्त्री को वस्त्रों का दान करें और अपनी बहनों को कोई सोने या चांदी के आभूषण दान करें।
वृश्चिक :-
वृश्चिक राशि के जातक अमावस्या की रात को बहते नदी के पानी में पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दीए प्रवाहित करें इससे जीवन में सुख शांति मिलेगी। लाल कपड़े धारण करें। गेहूं और गुड का दान किसी ब्राह्मण को करें। निर्धन बच्चे को दूध का दान करें। बच्चों को मिठाई खिलाएं
धनु :-
धनु राशि के जातक अमावस्या की रात को मंदिर में एक घी का दीया जला आएं।पीले वस्त्र पहनें। अरहर की दाल ब्राह्मण को दान में दे। बेसन की मिठाई छोटे बच्चों को खिलाएं। निर्धन को काले चने का दान करें।
मकर :-
मकर राशि के जातक अमावस्या की रात को एक नींबू अपने सर से सात बार उतारे और उसको काटकर चौराहे पर रख दें। व्यवसाय में लाभ होगा। नीले कपड़े पहनें और किसी निर्धन को तेल का दान करें। मरीजों को दवाइयां दान करें। खाने में तली हुई चीजें अवश्य शामिल करें। पीपल की पूजा करें।
कुंभ :-
कुंभ राशि के जातक अमावस्या के दिन किसी काले कुत्ते को तेल की रोटी खिलाएं, कष्टों का निवारण होगा। काले या गहरे रंग के कपड़े पहनें। खाने में तेल से बनी चीजें शामिल करें। निर्धन को तेल, नमक और राई का दान करें। बच्चों को समाेसे-कचौरी खिलाएं।
मीन :-
अमावस्या की रात को मीन राशि के जातक किसी मंदिर में जाकर अभिमंत्रित धागा लेकर पहने। पीले कपड़े पहनें। बेसन से बनी मिठाई का दान करें। दंत रोग के पीड़ित को दवाई का दान करें। पत्नी को स्वर्ण आभूषण दिलवाएं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास में आने वाली अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहा जाता है इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल श्रावणी अमावस्या 20 जुलाई सोमवार के दिन पड़ रही है।
प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है। इस बार की अमावस्या तिथि पर बेहद खास संयोग बन रहा है।
सावन मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पर आए हैं। श्रावण मास में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 साल पहले बना था। श्रावण मास में पांच सोमवार 6 जुलाई प्रतिपदा, 13 जुलाई अष्टमी, 20 जुलाई अमावस्या, 27 जुलाई सप्तमी, 3 अगस्त पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं। वहीं 20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बनेगा। इससे पहले साल 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ पड़ी थीं।
सोमवती अमावस्या मुहूर्त:
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – जुलाई 20, 2020 को 12:10 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2020 को 11:02 PM बजे